जिला मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट की गवर्निंग काउंसिल की बैठक शनिवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित हुई। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने कहा कि डीएफएमटी के तहत जनकल्याणकारी और उपयोगी कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन विकास से जुड़े नवाचारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिले में ऐसे नवाचार किए जाएं जो स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा बनें। मंत्री ने डीएफएमटी के तहत प्रस्तावित कार्यों की जानकारी साझा की और कहा कि इनका क्रियान्वयन पारदर्शी और जनहितकारी होना चाहिए।
बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर टीना डाबी ने की। उन्होंने बताया कि डीएफएमटी में करीब 109 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध है, जिसका उपयोग अधिकतम जन उपयोगी कार्यों में किया जाएगा। उन्होंने जन प्रतिनिधियों के प्रस्तावों को प्राथमिकता देने की बात कही।
सांसद उम्मेदाराम बेनिवाल ने शिक्षा से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने की मांग की और राजकीय महाविद्यालय में अतिरिक्त कक्षा कक्ष, पुस्तकालय तथा चिकित्सालय में सिटी स्कैन और कैथ मशीन जैसी सुविधाओं की आवश्यकता जताई। उन्होंने विद्यालयों में डिजिटल बोर्ड लगाने का सुझाव भी दिया।
चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल ने चौहटन के धोरो और वीरातरा में रोपवे जैसी परियोजनाओं के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की आवश्यकता भी बताई।
बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी ने आमजन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कक्षा कक्ष निर्माण, एमआरआई और कैथ मशीन की सुविधा, तथा लव कुश वाटिका की तर्ज पर वाटिका विकसित करने का सुझाव दिया।
शिव विधायक रविन्द्रसिंह भाटी ने कहा कि डीएफएमटी की अधिकतम राशि खनन प्रभावित क्षेत्रों में खर्च की जाए और विद्यालय भवन निर्माण को प्राथमिकता दी जाए।