ED ने मध्य प्रदेश के पूर्व कांस्टेबल के खिलाफ 52 किलो सोने और 100 करोड़ के हेरफेर का मामला दर्ज किया

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ED ने मध्य प्रदेश के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, 52 किलो सोना और 100 करोड़ के लेनदेन की जांच जारी

ED: मध्य प्रदेश में आरटीओ विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ नए खुलासे हो रहे हैं, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लोकायुक्त द्वारा किए गए छापे के बाद अब एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने भी इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले में कई जांच एजेंसियां सौरभ शर्मा की संपत्तियों और वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही हैं।

लोकायुक्त और ED की जांच में बड़ा खुलासा

ED: लोकायुक्त की छापेमारी में सौरभ शर्मा और उनके साथी चेतन सिंह गौड़ के खिलाफ मिली जानकारी के बाद एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में केस दर्ज किया। छापेमारी के दौरान सौरभ शर्मा की कार से 52 किलो सोने के बिस्किट बरामद हुए थे, जिसके बाद डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) इस सोने के बिस्किट के सोर्स की तलाश में जुटी हुई है। जांच एजेंसियां सौरभ शर्मा के दुबई से लौटने का इंतजार कर रही हैं, ताकि उनके और उनके परिवार से पूछताछ की जा सके।

सौरभ शर्मा का व्यवसाय और संदिग्ध लेनदेन

ED: सौरभ शर्मा का नाम अब काले धन और भ्रष्टाचार के मामलों में प्रमुख रूप से सामने आया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के आरटीओ विभाग में कांस्टेबल के रूप में अपनी सेवा दी और बाद में वीआरएस लेकर रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायों में अपनी किस्‍मत आजमाई। आयकर विभाग और पुलिस ने इस मामले में सौरभ के अरेरा E-7 में स्थित कार्यालय पर दबिश दी, जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और साक्ष्य मिले हैं।

इस दौरान टीम को सौरभ की डायरी भी मिली, जिसमें एक साल के दौरान 100 करोड़ से अधिक के लेनदेन का जिक्र किया गया है। डायरी में यूपी के 52 जिलों के आरटीओ अधिकारियों के नाम और नंबर भी दर्ज हैं, जिससे इस मामले का दायरा और भी बड़ा हो सकता है। इस डायरी से जुड़े कई महत्वपूर्ण सबूत पुलिस और इनकम टैक्स विभाग के हाथ लगे हैं, जो अब जांच के केंद्र में हैं।

सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापे और बरामदगी

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने पिछले तीन दिनों में भोपाल में सौरभ शर्मा के खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। सौरभ शर्मा के घर से ढाई करोड़ रुपये नकद और 40 करोड़ रुपये से अधिक की चांदी बरामद हुई है। इसके अलावा, त्रिशुल कंस्ट्रक्शन और क्वॉलिटी कंस्ट्रक्शन के ठिकानों से भी 3 करोड़ रुपये की नकदी मिली है।

इन बरामदगी से यह साफ संकेत मिलते हैं कि सौरभ शर्मा के पास अवैध संपत्तियों का बड़ा जखीरा है, जिसे वह लंबे समय से जमा कर रहे थे। यह साबित करता है कि उनके पास संपत्ति का विशाल साम्राज्य है, जो वे कानूनी तरीके से जुटाने में सफल नहीं रहे। जांच एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं, और सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी और पूछताछ की संभावना अब तेज हो गई है।

सौरभ शर्मा के काले धन के पीछे का सच क्या है?

ED: सौरभ शर्मा का मामला अब जांच एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गया है। ग्वालियर के रहने वाले सौरभ शर्मा को उनके पिता के निधन के बाद आरटीओ विभाग में कांस्टेबल के तौर पर नौकरी मिली थी। सौरभ ने 12 साल की सेवा के बाद वीआरएस लिया और रियल एस्टेट और अन्य व्यापारों में हाथ डाला। उनका नाम अब कई संदिग्ध लेनदेन और अवैध संपत्ति के मामलों से जुड़ रहा है।

लोकायुक्त की रेड के दौरान उनके एक अंडरग्राउंड लॉकर का पता चला, जिसमें चांदी और महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले। इस लॉकर के माध्यम से सौरभ शर्मा के काले धन के मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। यह मामला इस बात को साबित करता है कि सौरभ शर्मा ने अपने नौकरी के दौरान किए गए लेन-देन से काफी संपत्ति जुटाई है, और अब जांच एजेंसियां इसकी तहकीकात में जुटी हुई हैं।

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