Gaza में फिर छिड़ सकता है युद्ध? नेतन्याहू ने भेजे सैनिक, सीजफायर पर सस्पेंस!

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Gaza में इजरायल और हमास के बीच 16 महीने लंबी जंग के बाद युद्ध विराम की उम्मीदें

Gaza: पिछले महीने इजरायल और हमास के बीच करीब 16 महीने से चल रही जंग के बाद युद्धविराम की घोषणा से शांति की उम्मीदें जागी थीं। हालांकि, युद्धविराम के बाद स्थिति एक बार फिर से बिगड़ती दिख रही है। युद्ध विराम लागू होने के कुछ ही समय बाद, हमास ने इजरायली बंधकों की रिहाई पर रोक लगा दी है, जबकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को Gaza में लौटने का आदेश दे दिया है।

हमास की बंधकों की रिहाई पर रोक

हमास ने 19 जनवरी को युद्धविराम समझौते के तहत तीन इजरायली बंधकों को रिहा करने की सहमति जताई थी। लेकिन अब हमास ने शनिवार को और बंधकों की रिहाई की योजना को रद्द कर दिया है। हमास का कहना है कि इजरायल ने संघर्षविराम की शर्तों का उल्लंघन किया है, इसीलिए वह बंधकों को रिहा नहीं करेगा। यह स्थिति इस बात को दर्शाती है कि युद्धविराम की कोई स्थिरता नहीं है और शांति की राह एक बार फिर धुंधली हो गई है।

इजरायली सेना की प्रतिक्रिया: Gaza में सैनिकों की तैनाती

हमास के इस कदम का इजरायल ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली सेना को Gaza और इसके आसपास के क्षेत्रों में अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इजरायली सेना ने यह भी घोषणा की है कि वह दक्षिणी इजरायल में अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करेगी, ताकि किसी भी संभावित संघर्ष का तुरंत जवाब दिया जा सके।

ट्रंप की धमकी: “समय सीमा तक बंधकों की रिहाई नहीं हुई, तो युद्ध फिर शुरू होगा”

इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी चेतावनी दी है कि अगर हमास ने निर्धारित समय सीमा तक सभी बंधकों को रिहा नहीं किया, तो इजरायल के साथ युद्ध फिर से शुरू हो सकता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि हमास को अपनी गतिविधियों को तुरंत रोकना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि बंधकों की रिहाई समय पर हो।

Gaza में लोग भयभीत: युद्धविराम के बावजूद डर का माहौल

Gaza के लोग युद्धविराम की घोषणा के बाद थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे, लेकिन अब फिर से उनके बीच भय और चिंता का माहौल बन गया है। युद्धविराम की उम्मीदें तगड़ी थीं, लेकिन बंधकों की रिहाई पर विवाद और इजरायल की सैन्य तैनाती ने इस उम्मीद को ध्वस्त कर दिया है। Gaza के लोग बताते हैं कि युद्धविराम की घोषणा के बाद वे धीरे-धीरे अपने घरों की ओर लौटने लगे थे, लेकिन अब फिर से युद्ध का खतरा मंडरा रहा है।

Gaza में विस्थापन की स्थिति: 98 प्रतिशत आबादी प्रभावित

इस युद्ध में Gaza की 98 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है, और तकरीबन 47,000 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। Gaza के लोग बड़ी मुश्किल से विश्वास करने लगे थे कि युद्धविराम लागू हुआ है और स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन अब उन्हें फिर से युद्ध के साए का डर सता रहा है। युद्धविराम के बावजूद यहां के लोग शांति की स्थिरता को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं।

नतीजा: शांति की उम्मीदों का संकट

अगर हमास बंधकों को रिहा करने में विफल रहता है, तो यह युद्धविराम समझौते के खत्म होने का संकेत हो सकता है। साथ ही, अगर इजरायल अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ाता है, तो Gaza में फिर से संघर्ष और हिंसा का खतरा तेज हो सकता है। यह स्थिति Gaza के लोगों के लिए एक गंभीर संकट है, जो युद्ध और हिंसा से पूरी तरह से थक चुके हैं।

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