Mohan Yadav ने वानिकी सम्मेलन का किया उद्घाटन

Mohan Yadav

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने वानिकी सम्मेलन और आईएफएस मीट 2025 का उद्घाटन किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने आज राज्य की राजधानी में आयोजित दो दिवसीय वानिकी सम्मेलन और “आईएफएस मीट 2025” का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन राज्य के वन क्षेत्र की समस्याओं और समाधान पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया है, जिसमें वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय सभागार में दीप प्रज्जवलित कर और मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर समारोह की शुरुआत की।

वानिकी सम्मेलन का उद्देश्य

वानिकी सम्मेलन का उद्देश्य राज्य के वन क्षेत्रों के संरक्षण, प्रबंधन और पुनर्निर्माण पर विचार-विमर्श करना है। इसमें देशभर के वन अधिकारी, वन विशेषज्ञ, पर्यावरणविद्, और अन्य संबंधित लोग भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय संकटों से निपटने और वन क्षेत्र के बेहतर प्रबंधन के लिए नए उपायों पर चर्चा करना है।

वनों की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए डॉ. Mohan Yadav ने कहा कि राज्य के वन क्षेत्र को संरक्षित करना केवल हमारे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। वनों से प्राप्त लकड़ी, रेजिन, औषधीय पौधे, और अन्य वन उत्पाद राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं, इसीलिए इनका संरक्षण जरूरी है।

मुख्यमंत्री का संबोधन

मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने उद्घाटन भाषण में वन विभाग के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना की और कहा कि मध्यप्रदेश में वन संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रगति हो रही है। उन्होंने राज्य में हरियाली बढ़ाने, जंगलों के पुनर्निर्माण, और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। इसके साथ ही उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने अनुभवों और विचारों को साझा करें ताकि वानिकी नीतियों में सुधार किया जा सके और ज्यादा प्रभावी कदम उठाए जा सकें।

आईएफएस मीट 2025 का महत्व

इस सम्मेलन के दौरान “आईएफएस मीट 2025” का आयोजन भी किया गया, जिसमें भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यह मीट वन विभाग के अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां वे एक-दूसरे से अपने अनुभव और ज्ञान को साझा कर सकते हैं। आईएफएस अधिकारियों को एकजुट करने का उद्देश्य वानिकी और पर्यावरणीय मुद्दों पर उनके विचारों को एकत्रित करना है, ताकि पर्यावरण संरक्षण में अधिक सफलता हासिल की जा सके।

आईएफएस मीट 2025 के दौरान, कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिनमें जंगलों का सही प्रबंधन, वनों की कटाई को नियंत्रित करना, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटना, और वन्यजीवों की सुरक्षा शामिल हैं। यह मीट भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को एक मंच पर लाती है, जिससे वे अपने अनुभवों और विचारों को साझा कर सकते हैं और बेहतर समाधान निकालने के लिए एकजुट हो सकते हैं।

वन विभाग के योगदान की सराहना

डॉ. Mohan Yadav ने वन विभाग के अधिकारियों के प्रयासों को सराहा और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य के वन क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने वनों के संरक्षण और विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य वनों की रक्षा करना और पर्यावरणीय संकटों से निपटना है। राज्य सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश में जंगलों का क्षेत्रफल बढ़ा है और वन्यजीवों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

सम्मेलन का भविष्य

यह सम्मेलन न केवल वानिकी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने का एक अवसर है, बल्कि यह राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाने में मदद करने का भी एक मंच है। डॉ. Mohan Yadav ने इस सम्मेलन को एक ऐतिहासिक अवसर बताया और कहा कि इससे मध्यप्रदेश के वन क्षेत्र की सुरक्षा और सुधार के लिए प्रभावी नीतियों की दिशा में नई पहल होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन पर्यावरणीय संकटों के समाधान में मदद करेगा और राज्य के वन विभाग को नई दिशा देगा।

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