Iran की परमाणु धमकी: यूरेनियम संवर्द्धन में 50% बढ़ोतरी, इजरायल के लिए खतरा!

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Iran का परमाणु खतरा: यूरेनियम संवर्धन में 50% बढ़ोतरी, 6 परमाणु बम बनाने की क्षमता

Iran के परमाणु कार्यक्रम में तेजी से हो रही वृद्धि ने वैश्विक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमेरिका और इजरायल के साथ तनाव के बीच, ईरान अब परमाणु बम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम और बढ़ चुका है।

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी, IAEA ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा किया कि Iran ने अपने यूरेनियम भंडार को 50% तक बढ़ा दिया है, जिससे उसकी परमाणु बम बनाने की क्षमता में भारी इजाफा हुआ है। इस रिपोर्ट ने वैश्विक स्तर पर इजरायल और अमेरिका के लिए चिंता की लहर दौड़ा दी है, क्योंकि इन देशों के पास अब ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने का बहुत कम समय बचा है।

IAEA की रिपोर्ट: Iran के यूरेनियम संवर्धन की चिंताजनक बढ़ोतरी

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी IAEA ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है कि Iran ने पिछले साल की तुलना में 2023 में अपने यूरेनियम के भंडार में भारी वृद्धि की है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पास अब 60 प्रतिशत तक संवर्धित 274.8 किलोग्राम यूरेनियम है, जो नवंबर 2024 की रिपोर्ट से 92.5 किलोग्राम अधिक है। यह मात्रा 90 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम के एक कदम करीब है, जो परमाणु बम के निर्माण के लिए आवश्यक होता है।

IAEA ने यह भी कहा कि यदि 60 प्रतिशत तक संवर्धित 42 किलोग्राम यूरेनियम को 90 प्रतिशत तक संवर्धित किया जाए, तो यह एक परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त होगा। इसके अलावा, Iran के पास अब कुल 8,294.4 किलोग्राम यूरेनियम है, जो पिछले साल की तुलना में 1,690 किलोग्राम अधिक है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

ट्रम्प प्रशासन का प्रभाव: परमाणु समझौता और प्रतिबंध

Iran के परमाणु कार्यक्रम में यह वृद्धि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के बाद देखने को मिली है, जब उन्होंने अमेरिका को 2015 में हुए परमाणु समझौते से बाहर कर लिया था। ट्रंप ने ईरान पर फिर से कड़े प्रतिबंध लगाए थे, जिससे ईरान के लिए परमाणु सामग्री की खरीद और संवर्धन में कठिनाइयां आईं।

हालांकि, Iran ने इन प्रतिबंधों के बावजूद अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखा और उसे और सशक्त किया। ट्रंप के कार्यकाल में, जनवरी 2020 में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के प्रमुख सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी गई, जिसके बाद ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को और तेज कर दिया।

Iran का दावा: शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु कार्यक्रम

Iran लगातार यह दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और इसका उद्देश्य केवल ऊर्जा उत्पादन और चिकित्सा के लिए यूरेनियम का संवर्धन करना है। हालांकि, पश्चिमी देशों और विशेष रूप से अमेरिका का मानना है कि ईरान का वास्तविक इरादा परमाणु हथियारों का विकास करना है।

IAEA ने भी चेतावनी दी है कि ईरान के पास अब पर्याप्त मात्रा में हथियार-ग्रेड यूरेनियम है और वह यदि चाहे तो इसका इस्तेमाल कर कई परमाणु बम बना सकता है। यह स्थिति वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि ईरान का परमाणु कार्यक्रम मध्य पूर्व के सुरक्षा परिदृश्य को पूरी तरह से बदल सकता है।

इजरायल और अमेरिका की प्रतिक्रिया: हमले का खतरा

Iran के परमाणु कार्यक्रम के बढ़ते खतरे को देखते हुए, इजरायल और अमेरिका के लिए यह सवाल उठता है कि क्या उन्हें अब ईरान पर सैन्य हमले करने की आवश्यकता है। दोनों देशों ने पहले ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं और इन हमलों की संभावना पर चर्चा की है।

इजरायल, जो पहले ही कई बार ईरान के परमाणु सुविधाओं पर हमले की धमकी दे चुका है, अब अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर रहा है। अमेरिका ने भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए कई बार सैन्य कार्रवाई की बात की है। हालांकि, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण है और वह इस तरह की किसी भी कार्रवाई से बचने का प्रयास करेगा।

वैश्विक चिंता: Iran का परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय अस्थिरता

Iran के परमाणु कार्यक्रम में हो रही वृद्धि ने न केवल इजरायल और अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया है। यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को और आगे बढ़ाता है, तो यह न केवल मध्य पूर्व की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है।

इसके अलावा, यदि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने में सफल हो जाता है, तो इससे अन्य देशों को भी परमाणु हथियारों के विकास की ओर प्रेरित किया जा सकता है, जिससे एक नई परमाणु दौड़ शुरू हो सकती है।

क्या Iran परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएगा?

Iran ने अभी तक परमाणु हथियार बनाने के लिए सार्वजनिक रूप से कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन उसकी गतिविधियां और यूरेनियम संवर्धन के आंकड़े संकेत देते हैं कि वह इस दिशा में बढ़ रहा है। IAEA की रिपोर्ट और ईरान के बढ़ते यूरेनियम भंडार से यह स्पष्ट है कि ईरान परमाणु बम बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। अब सवाल यह है कि क्या वैश्विक समुदाय ईरान के इस खतरे को रोकने में सफल होगा या यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा संकट बनेगा।

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