दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद LG वीके सक्सेना का शाप वाला बयान
LG: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली करारी हार ने पार्टी के लिए मुश्किलों का एक नया दौर शुरू कर दिया है। भाजपा ने इस बार धमाकेदार जीत हासिल की और 48 सीटों पर कब्जा किया, जबकि आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा। कांग्रेस ने भी अपनी लगातार खराब स्थिति को कायम रखते हुए इस बार भी शून्य सीटें हासिल की। इस चुनावी हार के बाद, आम आदमी पार्टी के भीतर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, और पार्टी की स्थिति में कुछ अजीब बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं।
LG वीके सक्सेना का शाप वाला बयान
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद, आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। जब वह LG वीके सक्सेना से इस्तीफा सौंपने गईं, तो LG ने एक बयान दिया जो अब चर्चा का विषय बन गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, LG वीके सक्सेना ने आतिशी से कहा था कि “आपको यमुना मैया का शाप लगा है, और आपने यमुना की सफाई पर ध्यान नहीं दिया, यही कारण है कि आपकी सरकार को जनता ने नकारा है।”
LG का यह बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इसमें यमुना नदी की सफाई को लेकर सरकार की आलोचना की गई थी। इस बयान में LG ने यह भी कहा कि आतिशी और उनकी पार्टी को यमुना की सफाई के प्रति सक्रिय कदम उठाने चाहिए थे। उनका यह बयान भी था कि LG सचिवालय ने कई समाधान दिए थे, लेकिन उन पर कोई खास कदम नहीं उठाया गया।
आतिशी की प्रतिक्रिया पर सवाल
LG वीके सक्सेना का यह बयान सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी और उसके नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। हालांकि, आतिशी और आम आदमी पार्टी की तरफ से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जानकारों का मानना है कि इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी को अपने कार्यों और रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह पार्टी के आंतरिक मुद्दों को और अधिक गहरा कर सकता है।
चुनावी परिणाम और आम आदमी पार्टी की स्थिति
दिल्ली चुनाव 2025 में भाजपा की जीत ने कई राजनैतिक समीक्षकों को चौंका दिया। भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की, जो कि उनके लिए एक ऐतिहासिक जीत मानी जा रही है। इसके विपरीत, आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटों पर सिमट गई, जो कि पार्टी के लिए एक बड़ा झटका था। इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सोमनाथ भारती और सौरभ भारद्वाज जैसे प्रमुख नेताओं ने भी अपनी सीटें गंवा दीं, जो पार्टी के लिए एक और चुनौती बनकर उभरा है।
इस चुनाव के परिणाम ने यह साफ कर दिया कि दिल्ली की जनता में आम आदमी पार्टी के प्रति गुस्सा काफी अधिक था। पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट ने यह साबित कर दिया कि सरकारी योजनाओं और पार्टी की नीतियों को लेकर जनता में विश्वास की कमी हो सकती है।
यमुना सफाई पर असफलता का आरोप
यमुना नदी की सफाई एक बड़ा मुद्दा है, जिस पर दिल्ली सरकार ने कई बार अपनी प्राथमिकता जताई थी, लेकिन परिणामों के मामले में कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल पाई। दिल्ली की यमुना नदी की सफाई और पुनर्जीवित करने की दिशा में आम आदमी पार्टी को आलोचना का सामना करना पड़ा है। LG वीके सक्सेना ने इस बात को प्रमुखता से उठाया कि सरकार को इस दिशा में और अधिक सक्रियता दिखानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यमुना की सफाई की दिशा में सरकार की नाकामी ने इस चुनाव में विपक्षी दलों को एक और मौका दिया, जिससे आम आदमी पार्टी की छवि पर सवाल उठे। यही कारण है कि LG वीके सक्सेना ने इस मुद्दे को सीधे तौर पर उठाते हुए कहा कि यह शाप का कारण है।
भाजपा की प्रचंड जीत और जनता का संदेश
भा.ज.पा. ने इस चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जिसमें 27 साल के सियासी वनवास के बाद दिल्ली की राजनीति में अपनी वापसी की। भाजपा की जीत में कई अहम पहलू हैं, जिनमें यमुना नदी की सफाई, सार्वजनिक सेवा सुधार, और दिल्ली के विभिन्न विकास कार्यों की चर्चा प्रमुख रही। इस बार, भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीतियों और मुद्दों पर जोर देकर आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर दी और जनादेश हासिल किया।
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