Mahakumbh मेले में हालात सामान्य, श्रद्धालु निर्बाध रूप से आस्था की डुबकी लगा रहे हैं

Mahakumbh

Mahakumbh मेला: मौनी अमावस्या के बाद स्थिति सामान्य, श्रद्धालुओं का आस्था में विश्वास मजबूत

Mahakumbh मेला में मौनी अमावस्या के दौरान हुए हादसे के बाद मेला क्षेत्र में स्थिति अब सामान्य हो गई है। गुरुवार को मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की आस्था का प्रदर्शन जारी है, और वे शांति से संगम में स्नान कर रहे हैं। घटना के बावजूद मेला क्षेत्र में व्यवस्थाएं सुधार ली गई हैं, और श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं का स्नान बिना किसी रुकावट के हो रहा है।

मेला क्षेत्र में प्रशासन की कड़ी व्यवस्था

Mahakumbh मेला के दौरान प्रशासन ने मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। प्रशासनिक, पुलिस, नगर निगम और पैरा मिलेट्री जवानों के वाहनों के अलावा केवल एंबुलेंस को ही मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति है। मेला क्षेत्र के भीतर सड़क पर वाहनों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से मेला क्षेत्र में प्रवेश करने और स्नान करने की सुविधा मिल सके।

बेरीकेडिंग और अपील से स्थिति को संभाला गया

Mahakumbh: मेला क्षेत्र में जगह-जगह बेरीकेडिंग की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को उनके नजदीकी घाटों पर स्नान करने की अपील की है, ताकि अधिक भीड़ न हो और हर श्रद्धालु को आराम से स्नान का अवसर मिल सके। स्नान के बाद घाट को खाली करने की अपील भी की जा रही है, ताकि अगले श्रद्धालु आसानी से स्नान कर सकें और मेला क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण में रहे।

Mahakumbh: मंगलवार रात को हुई घटना के बाद प्रशासन ने उस स्थल पर टूटे बैरीकेडिंग को दुरुस्त कर दिया है, जिससे आगामी समय में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने की संभावना बढ़ी है। इसके साथ ही मेला क्षेत्र में तादात से अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके और श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था का प्रदर्शन

Mahakumbh मेला में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी अपने आस्था के साथ संगम में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। संगम की ओर बढ़ते श्रद्धालुओं के जत्थे में उत्साह और आस्था की झलक साफ दिखाई दे रही है। मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों जैसे काली सड़क, लाल सड़क, अस्थायी मेला प्राधिकरण के सामने की सड़क, और बंधवा के नीचे की सड़क पर चहल-पहल दिखाई दे रही है।

Mahakumbh: संगम की ओर बढ़ते श्रद्धालुओं की भीड़ यह दर्शाती है कि इस बार भी Mahakumbh मेला में आस्था का ज्वार उमड़ रहा है। श्रद्धालु अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने के लिए बड़े पैमाने पर मेला क्षेत्र में पहुंचे हैं और निर्बाध रूप से स्नान का क्रम जारी है।

श्रद्धालुओं की समस्याएं और शिकायतें

Mahakumbh: श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था अभूतपूर्व है, लेकिन कुछ श्रद्धालु प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें भी कर रहे हैं। सबसे बड़ी शिकायत यह है कि उन्हें संगम तक पहुंचने के लिए 15 से 20 किलोमीटर तक पैदल चलाया जा रहा है, जिससे उनकी थकान बढ़ जाती है। एक बार मुहाने तक पहुंचने के बाद पुलिस द्वारा बेरीकेडिंग कर रोकना भी श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन रहा है।

रींवा, मध्य प्रदेश से आए रज्जन बाबू और उनकी पत्नी कबरी देवी ने इस परेशानी का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस बेरीकेडिंग के कारण उन्हें बहुत परेशान कर रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें स्टेशन से पैदल चलकर संगम तक पहुंचने के लिए मजबूर किया गया और रास्ते में कई बार रोकने की समस्या आई।

पंटून पुल की व्यवस्था पर सवाल उठाए गए

Mahakumbh: श्रद्धालुओं ने पंटून पुल की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। दारागंज के निवासी श्याम सिंह ने पूछा कि जब 30 पंटून पुल बनाने का निर्णय लिया गया था, तो उन्हें बंद क्यों रखा गया है? उनका कहना था कि 2019 में कम पंटून पुल बनाए गए थे, लेकिन उस समय श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हुई थी। श्याम सिंह का मानना है कि यदि पंटून पुल खुले होते, तो श्रद्धालुओं को आसानी से संगम तक पहुंचने में मदद मिलती और उनकी यात्रा भी ज्यादा सुखद होती।

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