मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में खनिज संसाधनों की प्रचुरता है और इनके विवेकपूर्ण उपयोग से राज्य की अर्थव्यवस्था, स्थानीय रोजगार और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार खनन से राजस्व अर्जन के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन पर भी विशेष ध्यान दे रही है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मुख्यमंत्री निवास पर खान विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नए खनिज ब्लॉक्स की पहचान कर नीलामी प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया को केंद्र सरकार के समन्वय से सरल बनाया जाए।
उन्होंने बताया कि राज्य में 82 प्रकार के खनिज हैं, जिनमें से 57 का दोहन हो रहा है। इन बहुमूल्य और दुर्लभ खनिजों का प्रचार-प्रसार कर निवेशकों को आकर्षित किया जाए। खनन नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए नियमों में संशोधन और अन्य राज्यों के मॉडल का अध्ययन करने की बात भी कही गई।
केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रीन एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए दुर्लभ खनिजों के सुनियोजित खनन पर बल दे रहे हैं और राजस्थान की भूमिका इसमें अहम है। उन्होंने राजस्थान सरकार के प्रयासों की सराहना की और बताया कि खनिज ब्लॉकों की नीलामी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिला है।
प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत ने राज्य में खनन से जुड़े राजस्व स्रोतों, नीलामी प्रक्रिया, डीएमएफटी और एनएमईटी योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।