मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने मध्यप्रदेश के विकास कार्यों की चर्चा की, पीएम मोदी के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों तक पहुंचा राज्य
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले सवा साल में सरकार ने प्रदेश की विरासत को सम्मान देते हुए विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं, और इस प्रक्रिया में गरीब, युवा, महिला, और किसान कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मध्यप्रदेश के विभिन्न प्रमुख विकास कार्यों और योजनाओं का उल्लेख करते हुए राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के बारे में जानकारी दी।
विरासत के साथ विकास के नए आयाम
डॉ. Mohan Yadav ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले एक साल में न केवल समग्र विकास की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं, बल्कि प्रदेश की गौरवशाली विरासत को भी बनाए रखा है। उन्होंने इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के लंबित भुगतान को पूरा करने का उदाहरण दिया, जिससे यह साबित होता है कि सरकार मजदूरों और श्रमिकों के हितों के प्रति संवेदनशील है। इसके अलावा, 20 साल पुरानी पार्बती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना भी अब मूर्त रूप ले चुकी है, जो जल संकट को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किए गए आवास निर्माण
डॉ. Mohan Yadav ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मध्यप्रदेश में हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण के आंकड़ों को साझा किया। प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों में साढ़े आठ लाख आवास और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 36 लाख आवास में गृह प्रवेश करवाया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत लोगों को खुद का घर मिल रहा है, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है।
सम्राट विक्रमादित्य की परंपरा का सम्मान
Mohan Yadav ने प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत को याद करते हुए सम्राट विक्रमादित्य की न्यायप्रियता, वीरता और दानशीलता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य का शासन भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण धरोहर है, और उनके नेतृत्व में जनता के कर्ज माफ करने और बिना ब्याज के धन प्रदान करने के जैसे कदम उठाए गए थे। डॉ. Mohan Yadav ने आगामी 12 से 14 अप्रैल तक दिल्ली में विक्रमादित्य महानाट्य के आयोजन की घोषणा की, ताकि इस महान सम्राट की उपलब्धियों को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके।
उज्जैन में वैदिक घड़ी की स्थापना
Mohan Yadav ने उज्जैन को ‘कालगणना की नगरी’ बताते हुए यहां वैदिक घड़ी की स्थापना की बात की। उन्होंने कहा कि यह घड़ी भारतीय ज्ञान की गौरवशाली परंपरा को पुनः स्थापित करने के लिए स्थापित की गई है, और इसका उद्देश्य उज्जैन को विश्व के मीन टाइम (समय का माप) केंद्र के रूप में स्थापित करना है। डॉ. Mohan Yadav ने इस कदम को उज्जैन के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को फिर से उजागर करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। महर्षि सांदीपनि के आश्रम को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, और नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी आदर्श गोकुल ग्राम योजना भी चलाई जा रही है, जिससे राज्य के दुग्ध उत्पादन में 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार और अनुदान
मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि गेहूं के समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। 1956 में जहां गेहूं का समर्थन मूल्य 94 रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं 2002-03 में यह 600 रुपये था, और अब इसे बढ़ाकर 2600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्य के बजट में भी भारी वृद्धि हुई है, जो 2002-03 में केवल 23 हजार करोड़ रुपये था, अब वह बढ़कर 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
मध्यप्रदेश की सस्ती बिजली और राष्ट्रीय विकास में योगदान
Mohan Yadav ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश में बिजली की दरें पूरे देश में सबसे सस्ती हैं। राज्य सरकार द्वारा संचालित बिजली परियोजनाएं न केवल प्रदेश में बिजली आपूर्ति में सुधार कर रही हैं, बल्कि दिल्ली मेट्रो को भी बिजली प्रदान की जा रही है, जो एक मिसाल है।
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