सीएम डॉ. Mohan Yadav का भोपाल में संबोधन, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने भोपाल में आयोजित नागरिक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए कई बड़े लक्ष्य निर्धारित किए।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का योगदान देश के विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा और आने वाले वर्षों में प्रदेश भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। डॉ. Mohan Yadav ने अपने संबोधन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए कई योजनाओं और दृष्टिकोणों का उल्लेख किया, जिनसे न सिर्फ मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षण मिलेगा।
मध्यप्रदेश का बजट दोगुना करने की योजना
मुख्यमंत्री ने आगामी पांच वर्षों में राज्य का सालाना बजट दोगुना करने का संकल्प लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस वृद्धि के लिए कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा, बल्कि नागरिकों की आय बढ़ाने और उद्योगों की वृद्धि के जरिए बजट में वृद्धि की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। डॉ. Mohan Yadav ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश का आर्थिक विकास ऐसे रास्ते पर होगा, जिसमें हर नागरिक की समृद्धि सुनिश्चित की जाएगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
भोपाल की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संपदा का संरक्षण
मुख्यमंत्री ने भोपाल शहर के सौंदर्यकरण और इसके प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भोपाल की प्राकृतिक संपदा, झीलें, तालाब और शहर की संस्कृति ही प्रदेश की सबसे बड़ी पूंजी हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वे भोपाल को एक सुंदर मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, जिसमें शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर नगर द्वार बनाए जाएंगे। भोजपुर मंदिर रोड पर ‘भोज द्वार’ और इंदौर-उज्जैन मार्ग पर विक्रमादित्य के सुशासन का प्रतीक ‘विक्रम द्वार’ बनाए जाएंगे। इससे शहर की पहचान और ऐतिहासिक महत्व और बढ़ेगा, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
भोपाल में बाघों और मनुष्यों का सह-अस्तित्व
मुख्यमंत्री ने भोपाल के प्राकृतिक जीवन और वन्यजीवों के संरक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि भोपाल देश का एकमात्र राजधानी क्षेत्र है, जहां मानव और बाघों का सह-अस्तित्व अद्वितीय रूप से विद्यमान है। भोपाल के पास स्थित रातापानी अभयारण्य में दुर्लभ बाज की भी पुष्टि हुई है, जो इस क्षेत्र की जैव विविधता और महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भोपाल को न सिर्फ विकास की दृष्टि से, बल्कि पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण की दृष्टि से भी एक आदर्श शहर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) की सफलता
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की पहल और प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने भोपाल में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) आयोजित करने की दिशा में सफलता हासिल की। इस समिट के माध्यम से राज्य में निवेश आकर्षित करने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इस सम्मेलन की सफलता के लिए मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav को भोपाल उत्सव मेला समिति द्वारा सम्मानित किया गया।
यह समिट भोपाल में उद्योगपतियों, व्यापारियों और निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रही, और इसके माध्यम से राज्य में नए निवेशों का रास्ता खोलने के लिए कई अवसर उत्पन्न हुए। डॉ. Mohan Yadav ने कहा कि यह समिट प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है और भविष्य में इससे राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूती मिलेगी।
होली मिलन समारोह में मुख्यमंत्री का सम्मान
भोपाल उत्सव मेला समिति द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav को सम्मानित किया गया। इस समारोह में भोपाल के 35 से अधिक व्यापारी संघों, उद्योगपतियों और समाजसेवियों ने उन्हें बधाई दी और उनकी कार्यकुशलता की सराहना की। समारोह में डॉ. Mohan Yadav को उनके जन्मदिन की भी बधाई दी गई।
समारोह में उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के सहयोग से मध्यप्रदेश का विकास संभव है और उन्होंने सभी समाजसेवियों, व्यापारियों और उद्योगपतियों को धन्यवाद दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए उनका लक्ष्य केवल आर्थिक वृद्धि नहीं बल्कि सामाजिक समरसता और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना भी है।
भोपाल की विरासतों को संरक्षित रखने का वचन
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वे भोपाल की विरासतों और ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित रखने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे। इसके लिए शहर में सतत सौंदर्यीकरण किया जाएगा और भोपाल को एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। उनकी सरकार इस बात को सुनिश्चित करेगी कि भोपाल के ऐतिहासिक स्थल और संस्कृति भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहें।
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