मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को विद्युत उत्पादन में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करने और योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि आने वाले वर्षों में बढ़ती आबादी को पर्याप्त और निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलती रहे। उन्होंने कहा कि राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और राज्य सरकार 2027 तक दिन के समय किसानों को विद्युत उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित बैठक में वर्ष 2025-26 की बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण, अक्षय ऊर्जा योजनाओं और उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने आगामी रबी सीजन में किसानों के पीक डिमांड समय के दौरान विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियमित बिजली उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया।
उन्होंने कहा कि उत्पादन इकाइयों और प्रसारण तंत्र का समय पर रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए। ट्रांसफार्मर की मरम्मत और देखभाल में सुधार करते हुए प्रभावी कदम उठाए जाएं। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और कृषि कनेक्शन के शीघ्र क्रियान्वयन पर भी विशेष दिशा-निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार 30/11 के जीएसएस का निर्माण कर रही है, ताकि गांव-ढाणी तक बिजली सुगमता से उपलब्ध हो। जिन क्षेत्रों में जीएसएस के लिए भूमि अनुपलब्ध हो, वहां जन सहभागिता से भूमि प्राप्त करने पर कार्य किया जाए। उन्होंने आरडीएसएस योजना और प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत विद्युत तंत्र और सौर संयंत्र स्थापना की प्रगति की समीक्षा की और दिशा-निर्देश दिए।
इसके अलावा, राजस्व बढ़ाने और ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रिब्यूशन में छीजत रोकने के लिए विशेष प्रयास करने, खराब मीटर की स्थिति में कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने और लापरवाह कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। बिजली चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने पर भी जोर दिया गया। बैठक में प्रस्तावित पम्प स्टोरेज योजनाओं, कोयला, गैस और जल विद्युत परियोजनाओं तथा बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन, प्रसारण व वितरण निगमों सहित ऊर्जा विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।