राज्य सरकार की पहल से दशकों पुराने विवादों का समाधान
‘रास्ता खोलो अभियान’, जो अप्रैल 2025 से राज्य सरकार के निर्देश पर शुरू हुआ, अब दौसा जिले में 125 रास्तों को अतिक्रमण मुक्त कर सार्वजनिक आवागमन के लिए खोलने में सफल रहा है। महवा उपखंड में सर्वाधिक 22 रास्ते खोले गए, जिससे ग्रामीणों को राहत और आपसी सौहार्द का वातावरण बना।

प्रमुख उपलब्धियां और जनसहयोग
- 186 अतिक्रमण प्रकरणों में से 125 का समाधान
- राजस्व टीमों, पुलिस, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के सहयोग से रास्ते खुले
- ग्रेवल रोड निर्माण के लिए विकास अधिकारियों को निर्देश
- सामाजिक सौहार्द, स्कूल पहुंच, और कृषि कार्यों में सुगमता
प्रेरणादायक उदाहरण: डाबर कलां गांव
- 25 साल से बंद रास्ता (1.25 किमी) 26 जून को खुला
- सलेमपुरा–राणौली मुख्य सड़क से डाबर कलां को जोड़ता है
- काश्तकारों के विरोध के बावजूद संवाद और सहमति से समाधान
- स्कूली बच्चों, कृषकों, और ग्रामीणों को सीधा लाभ
अन्य उल्लेखनीय कार्य
- लवाण (पूर्णीयावास): 20 साल से बंद रास्ता जेसीबी से खुलवाया
- मीनावाड़ा (बहरावण्डा): 25 साल से बंद 1.5 किमी रास्ता खुला
- विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों को राहत
- राजस्व रिकॉर्ड में एकमात्र रास्ता, अब पुनः चालू
राज्यव्यापी अभियान की पृष्ठभूमि
- ‘रास्ता खोलो अभियान’ की शुरुआत नागौर से हुई थी
- अब यह राज्यव्यापी मिशन बन चुका है, जिसमें हर बुधवार को रास्ते खोले जाते हैं
- राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 की धारा 251A के तहत कार्रवाई
- राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज, ग्रेवल रोड निर्माण, और वीडियोग्राफी से पारदर्शिता सुनिश्चित