Russia की वायु रक्षा प्रणालियों ने 12 यूक्रेनी ड्रोनों को मार गिराया, क्रीमिया और अन्य क्षेत्रों में हमलों को नाकाम किया
Russia के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार रात को अपनी वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा 12 यूक्रेनी ड्रोनों को मार गिराने की जानकारी दी है। इन ड्रोनों को रूस के विभिन्न क्षेत्रों में निशाना बनाया गया, जिसमें कुर्स्क, बेलगोरोड, ब्रांस्क और क्रीमिया के क्षेत्र शामिल हैं। मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि वायु रक्षा प्रणालियों ने इन मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) को सफलतापूर्वक नष्ट किया, और इससे रूस के महत्वपूर्ण क्षेत्र सुरक्षित रहे।
Russia के रक्षा मंत्रालय द्वारा आधिकारिक बयान
Russia के रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, “पिछली रात, ड्यूटी पर मौजूद वायु रक्षा प्रणालियों ने 12 यूक्रेनी यूएवी को रोका और नष्ट कर दिया। इनमें से सात ड्रोन्स कुर्स्क क्षेत्र में, दो-दो ड्रोन्स बेलगोरोड और ब्रांस्क क्षेत्रों में, और एक यूएवी क्रीमिया गणराज्य के क्षेत्र में थे।” मंत्रालय का कहना है कि इन ड्रोनों का उद्देश्य रूस के सुरक्षा और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना था, लेकिन वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा उन्हें नष्ट करने के कारण कोई बड़ी क्षति नहीं हुई।
यूक्रेनी ड्रोन हमलों की बढ़ती रणनीति
Russia और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में ड्रोन का उपयोग एक अहम रणनीतिक तत्व बन गया है। यूक्रेन ने युद्ध के दौरान रूस की सैन्य प्रतिष्ठानों और आपूर्ति लाइनों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है, जबकि रूस अपनी वायु रक्षा प्रणालियों के माध्यम से इन हमलों का मुकाबला करने की कोशिश कर रहा है। रूस के अनुसार, सोमवार रात को नष्ट किए गए सभी ड्रोन्स को यूक्रेन द्वारा सैन्य और नागरिक लक्ष्यों पर हमलों के लिए भेजा गया था। रूस की वायु रक्षा प्रणालियों ने इन ड्रोन हमलों को विफल करने में सफलता प्राप्त की।
कुर्स्क, बेलगोरोड, ब्रांस्क और क्रीमिया में हमलों की स्थिति
कुर्स्क, बेलगोरोड, ब्रांस्क और क्रीमिया क्षेत्र Russia के महत्वपूर्ण और संवेदनशील इलाके माने जाते हैं, और इन क्षेत्रों में यूक्रेनी ड्रोन हमलों की संख्या में हाल के दिनों में इजाफा हुआ है। खासतौर पर क्रीमिया, जो 2014 में रूस द्वारा कब्जा कर लिया गया था, युद्ध के दौरान यूक्रेन की तरफ से अक्सर लक्षित किया जाता है। यूक्रेन के लिए क्रीमिया क्षेत्र एक रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रूस की काले सागर तक पहुंच को नियंत्रित करता है।
इन क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का उद्देश्य Russia की सैन्य शक्ति और आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुंचाना है, ताकि युद्ध के दौरान रूस को कमजोर किया जा सके। हालांकि, रूस की वायु रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों को प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया है और किसी भी बड़े नुकसान से बचा लिया है।
Russia की वायु रक्षा प्रणालियों की सफलता
Russia की वायु रक्षा प्रणालियाँ जैसे S-400, Pantsir-S1 और Tor-M2, यूक्रेनी ड्रोन हमलों को रोकने में अत्यधिक प्रभावी मानी जाती हैं। इन प्रणालियों की सफलता को देखते हुए रूस को यह विश्वास है कि उनके पास अपनी सीमाओं और सैन्य प्रतिष्ठानों को बचाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं। रक्षा मंत्रालय के बयान से यह भी साफ होता है कि रूस अपनी वायु रक्षा प्रणालियों को लगातार अपडेट और मजबूती प्रदान कर रहा है ताकि भविष्य में भी इस तरह के हमलों से बचा जा सके।
यूक्रेनी ड्रोन हमलों के खिलाफ Russia की यह सफलता दर्शाती है कि ड्रोन युद्ध अब एक आम और निर्णायक हथियार बन चुका है। हालांकि, रूस की वायु रक्षा प्रणालियाँ इन हमलों को विफल करने में सफल रही हैं, लेकिन यह युद्ध का केवल एक पहलू है। रूस और यूक्रेन दोनों के लिए ड्रोन युद्ध एक महत्वपूर्ण रणनीतिक आयाम बन चुका है, जिसे भविष्य में और अधिक बढ़ने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की स्थिति
Russia की वायु रक्षा प्रणालियों की सफलता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन युद्ध के बढ़ते प्रयोग से आने वाले समय में युद्ध की प्रकृति बदल सकती है। जहां पहले युद्ध में बड़ी सैन्य ताकतों का मुकाबला होता था, अब छोटे और सस्ते उपकरण जैसे ड्रोन्स का इस्तेमाल युद्ध रणनीतियों का हिस्सा बनता जा रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच इस प्रकार के ड्रोन हमले भविष्य में और बढ़ सकते हैं, और इससे दोनों देशों की सैन्य योजनाओं में बदलाव आ सकता है।
यूक्रेन और Russia दोनों इस युद्ध में किसी भी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय समर्थन का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन रूस की वायु रक्षा प्रणालियाँ उस समर्थन को नकारने में सफल रही हैं। यह घटनाएं रूस की सैन्य क्षमता को और मजबूत करती हैं, और यह दर्शाती हैं कि उन्होंने अपने रक्षा उपायों को समय के साथ अपडेट किया है।
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