टैरिफ छूट की उम्मीदों के बीच Sensex-निफ्टी में मुनाफावसूली, छोटे शेयरों में गिरावट

Sensex

Sensex और निफ्टी में शुरूआत में जोरदार उछाल, लेकिन मुनाफावसूली के दबाव में गंवाया गया शुरुआती लाभ, छोटे और मझौले शेयरों में भारी बिकवाली

Sensex: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई देशों को संभावित टैरिफ में छूट देने के संकेत से घरेलू बाजारों में उत्साह देखने को मिला। इसके चलते Sensex और निफ्टी में जबरदस्त तेजी आई, लेकिन बाद में दिग्गज कंपनियों में मुनाफावसूली के दबाव के कारण बाजार ने अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी। खासकर जोमैटो, इंडसइंड बैंक, अडानी पोर्ट्स, रिलायंस और मारुति जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बिकवाली ने बाजार को प्रभावित किया।

Sensex और निफ्टी में शुरुआती जोरदार बढ़त, लेकिन मुनाफावसूली से उलट गया रुख

Sensex: शुरुआत में बीएसई का Sensex 312 अंक की मजबूती के साथ 78,296.28 अंक पर खुला और थोड़ी ही देर में 78,741.69 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 93 अंक की बढ़ोतरी लेकर 23,751.50 अंक पर खुला और 23,869.60 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा। हालांकि, बाद में जबरदस्त मुनाफावसूली के दबाव में Sensex ने 32.81 अंक की बढ़त लेकर 78,017.19 अंक पर समापन किया। निफ्टी भी 10.30 अंक बढ़कर 23,668.65 अंक पर बंद हुआ।

दिग्गज कंपनियों के विपरीत छोटे और मझौले शेयरों में भारी बिकवाली

Sensex: दिग्गज कंपनियों में मुनाफावसूली के बावजूद बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में ज्यादा बिकवाली देखी गई, जिससे बाजार पर दबाव बना। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.13 प्रतिशत गिरकर 41,904.81 अंक पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 47,070.40 अंक पर रहा। इस दौरान कुल 4,177 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2,983 में बिकवाली और 1,085 में लिवाली हुई।

आईटी समूह में सकारात्मक वैश्विक संकेतों का लाभ, जबकि अन्य क्षेत्रों में बिकवाली का दबाव

Sensex: विश्लेषकों का मानना है कि आईटी क्षेत्र ने वैश्विक संकेतों का फायदा उठाया और इसमें 1.17 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। टेक और फोकस्ड आईटी समूहों के शेयरों में भी क्रमशः 0.97 और 1.39 प्रतिशत का उछाल आया। इसके विपरीत, सीडी, ऊर्जा, इंडस्ट्रियल्स, दूरसंचार, यूटिलिटीज, ऑटो, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, धातु, तेल एवं गैस, पावर, रियल्टी और सर्विसेज समूह के शेयरों में बिकवाली का दबाव बना, जिससे ये समूह 0.64 से 1.89 प्रतिशत तक गिर गए।

व्यापार नीति पर निवेशकों की नजर, रुपये की मजबूती और दर कटौती की उम्मीदों से बाजार पर सकारात्मक प्रभाव

Sensex: आने वाले दिनों में निवेशकों का रुख सतर्क रहने की संभावना है, क्योंकि वे अमेरिका-भारत व्यापार नीति पर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। तिमाही नतीजों पर नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि इनमें आय वृद्धि में सुधार की उम्मीद है। दर कटौती की संभावना और रुपये की मजबूती जैसे सकारात्मक संकेतक बाजार की धारणा को बल दे रहे हैं। हालांकि, छोटे और मझोले शेयरों में प्रीमियम वैल्यूएशन की वजह से निवेशक सतर्क रह सकते हैं।

विश्व बाजारों में मिश्रित रुझान, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान के बाजारों में मजबूती, जबकि हांगकांग और चीन में गिरावट

वैश्विक बाजारों का रुझान आज मिश्रित रहा, जिसमें कुछ प्रमुख बाजारों में मजबूती जबकि अन्य में गिरावट देखी गई। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.56 प्रतिशत, जर्मनी का डैक्स 0.83 प्रतिशत और जापान का निक्केई 0.46 प्रतिशत मजबूत हुआ, जो सकारात्मक आर्थिक संकेतों और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। इन बाजारों में मजबूत प्रदर्शन की वजह से वैश्विक निवेशकों का उत्साह बढ़ा।

हालांकि, एशिया के कुछ प्रमुख बाजारों में कमजोरी देखने को मिली। हांगकांग का हैंगसेंग 2.35 प्रतिशत गिरकर निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट भी गिरावट में रहा। यह गिरावट चीन और हांगकांग के स्थानीय आर्थिक मुद्दों और व्यापारिक अनिश्चितताओं के कारण थी, जिसने निवेशकों के आत्मविश्वास को प्रभावित किया। इस प्रकार, वैश्विक बाजारों में मिलाजुला रुझान देखा गया, जो भारत सहित अन्य एशियाई बाजारों पर भी असर डाल रहा है।

Read More: Stock Market में सुधार, Zomato में ब्रेक और इन 10 शेयरों में तेजी

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *