Shashi Tharoor के बयान से कांग्रेस में मची हलचल: पार्टी नेतृत्व से बढ़ती दूरी के संकेत
कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद Shashi Tharoor की हालिया टिप्पणियों ने पार्टी के भीतर विवादों को जन्म दिया है। उनके द्वारा केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई(एम) सरकार की नीतियों की तारीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के बाद कांग्रेस में उनके खिलाफ विरोध उठने लगा है। इसके बाद थरूर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “जहां अज्ञानता आनंद है वहां बुद्धिमान होना मूर्खता है,” जो कांग्रेस नेतृत्व से उनकी बढ़ती दूरी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
मोदी के अमेरिकी दौरे पर थरूर की सकारात्मक टिप्पणी
Shashi Tharoor ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर सकारात्मक टिप्पणी की थी। उन्होंने मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले दुनिया के चौथे नेता के रूप में सम्मानित किया, जो भारत की वैश्विक स्थिति को दर्शाता है।
थरूर ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने यह बयान देशहित में दिया था, न कि किसी राजनीतिक फायदे के लिए। हालांकि, इस बयान को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सवाल उठाए और थरूर को पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान देने के लिए आलोचना की। थरूर ने अपने बयान में मोदी की यात्रा को भारत की वैश्विक कूटनीति के लिए सकारात्मक बताया था।
सीपीआई(एम) की नीतियों की तारीफ पर कांग्रेस में विरोध
Shashi Tharoor ने केरल में सीपीआई(एम) की सरकार द्वारा किए गए कामों की सराहना की थी, खासकर स्टार्टअप क्षेत्र में हुई प्रगति के लिए। उन्होंने केरल में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की नीतियों की भी तारीफ की थी, जिसे सीपीआई(एम) ने सकारात्मक रूप से लिया। लेकिन कांग्रेस के भीतर इस बयान को लेकर विरोध की आवाज़ें उठने लगीं। पार्टी के भीतर कई नेताओं ने थरूर की टिप्पणियों को पार्टी के विचारधारा से भटकाव माना और उन पर निशाना साधा।
कांग्रेस ने Shashi Tharoor को चेतावनी दी
केरल कांग्रेस ने Shashi Tharoor के इन बयानों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘वीक्षणम डेली’ में एक संपादकीय प्रकाशित कर थरूर पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। संपादकीय में कहा गया कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले कांग्रेस नेताओं को पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। इसके अलावा, संपादकीय में यह भी कहा गया कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर चल रही है और इस सच्चाई को नजरअंदाज करना एक ‘विकृत’ राजनीतिक रवैया होगा।
सीपीआई(एम) नेताओं पर पोस्ट से बढ़ा विवाद
Shashi Tharoor ने सोशल मीडिया पर केरल कांग्रेस कमेटी द्वारा सीपीआई(एम) नेताओं को ‘राक्षस’ बताए जाने की पोस्ट को अपने फेसबुक अकाउंट से हटा लिया। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं की हत्या की तस्वीरें शेयर कीं, हालांकि बिना किसी राजनीतिक टिप्पणी के। इस घटना ने कांग्रेस और Shashi Tharoor के रिश्तों में और तनाव पैदा कर दिया। पार्टी के अंदर यह सवाल उठने लगे हैं कि थरूर अपनी बयानबाजी से पार्टी लाइन से बाहर जा रहे हैं और सीपीआई(एम) के करीब हो रहे हैं।
केरल कांग्रेस की आपत्ति
केरल कांग्रेस ने Shashi Tharoor के बयानों पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने यह कहा कि थरूर का यह बयान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को ठेस पहुंचा सकता है, खासकर जब राज्य में अगले स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां चल रही हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि थरूर का इस तरह का बयान पार्टी की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है, जिससे पार्टी की साख पर सवाल उठ सकते हैं।
कांग्रेस और Shashi Tharoor के रिश्तों में तनाव
इस घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि Shashi Tharoor और कांग्रेस नेतृत्व के बीच रिश्ते पहले से अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। कांग्रेस पार्टी के भीतर यह चर्चा चल रही है कि क्या Shashi Tharoor ने जानबूझकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयान दिए हैं। कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का मानना है कि थरूर ने अपनी बयानों से पार्टी के अंदर गहरी दरारें पैदा की हैं और उनकी इस स्वतंत्र बयानबाजी से पार्टी की एकजुटता को नुकसान हो सकता है।
कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है:
कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि Shashi Tharoor की बयानबाजी पार्टी के लिए गंभीर चिंता का विषय बन सकती है, खासकर राज्य और केंद्र में पार्टी की स्थिति को देखते हुए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि थरूर अपने बयानबाजी के तौर-तरीकों में सुधार नहीं करते, तो यह कांग्रेस के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती हो सकती है।
Shashi Tharoor की आगामी भूमिका पर सवाल
Shashi Tharoor के बयानों से कांग्रेस में उनकी भविष्य की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्या थरूर पार्टी में रहकर अपनी विचारधारा पर कायम रहेंगे, या वे अन्य दलों की ओर बढ़ेंगे, यह देखने की बात होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि थरूर की बढ़ती दूरी और स्वतंत्र बयानबाजी उन्हें पार्टी के भीतर मुश्किल स्थिति में डाल सकती है।
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