विदेश मंत्रालय में कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए अब एआई आधारित चैटबॉट ‘StatChat’ करेगा फैसला!
AI करेगा ‘निष्पक्ष चयन’?
अमेरिका का विदेश मंत्रालय अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित चैटबॉट StatChat की मदद से
राजनयिकों की पदोन्नति और कार्मिक बदलावों से जुड़े निर्णय लेगा।
यह चैटबॉट Palantir Technologies की मदद से बनाया गया है, जो सुरक्षा और डेटा एनालिटिक्स में माहिर है।
AI कैसे करेगा चयन?
🔹 कर्मचारियों की योग्यता, सेवा रैंक, और रिकॉर्ड का विश्लेषण
🔹 पदोन्नति आयोग के सदस्यों का चयन
🔹 चयनित लोगों की अनुशासन और विश्वसनीयता जांच
👉 दावा: इससे मानव पूर्वाग्रह कम होंगे, और निर्णय निष्पक्ष और डेटा-आधारित होंगे।
ट्रंप के सिर चढ़ा श्रीराम का जादू!
— Panchjanya (@epanchjanya) December 24, 2024
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भारतीय का जादू सिर चढ़ कर बोल रहा है।
ट्रंप ने भारतीय अमेरिकी एंटरप्रेन्योर, वेंचर कैपिटलिस्ट और लेखक श्रीराम कृष्णन को व्हाइट हाउस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर सीनियर पॉलिसी एडवाइजर… pic.twitter.com/WUtWnZLep5
❓ लेकिन उठ रहे हैं गंभीर सवाल…
🧑⚖️ अमेरिकी विदेश सेवा संघ (AFSA) ने सवाल उठाए हैं:
➡️ AI यह कैसे सुनिश्चित करेगा कि अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए तय कोटे का पालन हो रहा है?
➡️ क्या StatChat 1980 के अल्पसंख्यक समानता अधिनियम का पालन करता है?
📌 अमेरिका का यह कानून जातीय और नस्लीय भेदभाव को रोकने और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए बना था।
DEI नीतियों पर ट्रंप सरकार की राय
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पहले ही DEI (Diversity, Equity, Inclusion) नीतियों को
“भेदभावपूर्ण” कहकर खारिज कर चुके हैं।
अब अगर एआई प्रणाली भी कोटा या विविधता जैसे मापदंड नहीं अपनाती है, तो विवाद और बढ़ सकते हैं।
AI Vs मानव निर्णय
🧑💼 क्या एआई वास्तव में निष्पक्ष हो सकता है?
⚖️ या ये भी पुराने भेदभावों का तकनीकी रूप बन जाएगा?
आपकी राय क्या है?
क्या AI से पदोन्नति प्रणाली में पारदर्शिता आएगी? या अल्पसंख्यक और महिला प्रतिनिधित्व को खतरा होगा?
💬 कमेंट कर बताएं अपनी राय!
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