राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में टीबी मुक्त भारत अभियान को गति देते हुए राज्य को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए हैं। 25 जून 2025 से शुरू हुए सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान के तहत अब तक 74 लाख से अधिक अति संवेदनशील लोगों की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जो कुल लक्ष्य का 44% है।
अब तक 2.35 लाख व्यक्तियों में टीबी के लक्षण पाए गए हैं, जिन्हें पुष्टि के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किया गया है। यह अभियान 21 जुलाई तक चलेगा और इसका उद्देश्य छिपे मामलों की शीघ्र पहचान और निःशुल्क उपचार सुनिश्चित करना है।
टीबीमुक्त ग्राम पंचायतों में राजस्थान तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2024 में 3,350 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया और 35,117 निक्षय मित्र पंजीकृत हुए हैं, जो मरीजों को पोषण और मानसिक सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
तकनीकी नवाचारों के तहत निक्षय पोर्टल, आशा डिजिटल हेल्थ ऐप और नाट आधारित परीक्षणों का उपयोग किया जा रहा है। इससे रीयल टाइम निगरानी और सटीक निदान संभव हुआ है। एनजीओ, सीएसआर और निजी चिकित्सकों की सहभागिता से अभियान को मजबूती मिली है।
संसाधनों की वृद्धि के तहत राज्य में 629 नाट मशीनें, एक्स-रे उपकरण और लैब तकनीशियन की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2024 में 1.71 लाख टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन हुआ, जो लक्ष्य का 101% है, जबकि जून 2025 तक 89,132 रोगियों का नोटिफिकेशन हुआ, जो 110% लक्ष्य प्राप्ति दर्शाता है।