America ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया
America ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। America के विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने एक शोक संदेश जारी करते हुए डॉ. सिंह को एक महान नेता और America-भारत रणनीतिक साझेदारी के समर्थक के रूप में याद किया। यह शोक संदेश न केवल डॉ. सिंह के प्रति संवेदना का प्रतीक था, बल्कि यह अमेरिका-भारत संबंधों के महत्व को भी दर्शाता था, जो पिछले दो दशकों में और भी मजबूत हुआ है।
America-भारत संबंधों में डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को अमेरिका-भारत संबंधों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में पहचाना जाता है। अमेरिका और भारत के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी बनाने में उनका योगदान अमूल्य था। विशेष रूप से, डॉ. सिंह ने America-भारत नागरिक परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस समझौते के तहत, दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को मंजूरी मिली, जो भारत के लिए ऊर्जा संकट के समाधान का एक बड़ा कदम साबित हुआ।
एंटनी जे. ब्लिंकन ने शोक संदेश में कहा, “डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझीदारी के सबसे महान समर्थकों में से एक थे, और उनके काम ने पिछले दो दशकों में हमारे देशों ने मिलकर जो कुछ हासिल किया है, उसकी नींव रखी।” यह वाक्य डॉ. सिंह के योगदान को स्पष्ट रूप से उजागर करता है, जिन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा दी।
भारत में डॉ. सिंह के आर्थिक सुधार
डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारत में आर्थिक सुधारों के लिए भी जाना जाता है। उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले, भारत में आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया धीमी थी, लेकिन डॉ. सिंह के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक नई दिशा पकड़ी। उन्होंने 1991 में आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया शुरू की, जिसके तहत भारत ने बाजार के खुलेपन और विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया। इस सुधार प्रक्रिया ने भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने डॉ. सिंह के आर्थिक सुधारों की सराहना करते हुए कहा, “घरेलू स्तर पर, डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिन्होंने भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि को गति दी।” इस बयान में डॉ. सिंह के नेतृत्व की अहमियत को पूरी तरह से स्वीकार किया गया, और यह भी दर्शाया गया कि उनके निर्णयों ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रभाव डाला।
डॉ. सिंह के निधन पर अमेरिका की संवेदनाएँ
America के विदेश मंत्री ने डॉ. सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। ब्लिंकन ने कहा, “हम डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और अमेरिका तथा भारत को करीब लाने के उनके समर्पण को हमेशा याद रखेंगे।” यह संदेश न केवल भारत के प्रति अमेरिका की स्नेहभावना को व्यक्त करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि डॉ. सिंह के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
America और भारत के रिश्ते पिछले कुछ दशकों में और भी प्रगाढ़ हुए हैं। यह साझेदारी केवल व्यापार और सुरक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी मजबूत हुई है। डॉ. सिंह का यह योगदान अनमोल है, क्योंकि उनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा मिला।
America-भारत संबंधों में भविष्य की दिशा
डॉ. सिंह के निधन के बाद, America-भारत संबंधों के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि डॉ. सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका योगदान और दृष्टिकोण दोनों देशों के संबंधों को निरंतर प्रगति की दिशा में मार्गदर्शन करेगा। वर्तमान में भी भारत और America के संबंध मजबूत हैं, और दोनों देशों के बीच साझेदारी कई अहम वैश्विक मुद्दों पर काम कर रही है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, और आर्थिक सहयोग।
America के लिए डॉ. सिंह का योगदान महत्वपूर्ण था, और उनका निधन दोनों देशों के रिश्तों के लिए एक बड़ी क्षति है। लेकिन यह भी सच है कि डॉ. सिंह के द्वारा छोड़ी गई धरोहर और उनके कार्यों के माध्यम से अमेरिका-भारत संबंधों को नई दिशा मिल सकती है।
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