मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने और अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों को तेज़ी से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जलभराव वाले स्थानों पर सतर्कता और संवेदनशीलता से कार्य करने को कहा ताकि जनहानि रोकी जा सके।
मुख्यमंत्री ने आमजन से अपील की कि बारिश के मौसम में विशेष सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त मार्गों, पुलों और तेज बहाव वाले नदी-नालों को पार करने से बचें और किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दें।
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित आपदा राहत प्रबंधन बैठक में उन्होंने बताया कि प्रदेश के अधिकांश बांध, नदियां और जलाशय लबालब हो चुके हैं। ऐसे में निचले और बाढ़ संभावित इलाकों की निगरानी बढ़ाई जाए और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और होमगार्ड्स की टीमें संसाधनों के साथ तैनात रहें और रपट जैसे स्थानों पर अस्थायी चौकियां लगाकर वाहनों की आवाजाही रोकी जाए।
राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 1070, 112 और जिला स्तरीय नंबर 1077 को 24×7 सक्रिय रखा गया है। कंट्रोल रूम में आई शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए। प्रभावित लोगों और पशुधन को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए और वहां शुद्ध पेयजल व सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जलभराव क्षेत्रों में खाद्य सामग्री और जरूरी वस्तुओं की कमी न हो।
स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए कि जलभराव वाले क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों की रोकथाम, दवाओं की आपूर्ति और आपातकालीन चिकित्सा सहायता की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
पंचायतीराज विभाग को अन्य विभागों से समन्वय कर संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। सड़कों की मरम्मत, चेतावनी प्रणाली को सक्रिय करने, मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाने, स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी बढ़ाने और नालों की सफाई व जल निकासी व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।