भारतीय stock market में मंदी: क्या निफ्टी की गिरावट खत्म होगी?
भारत के stock market में मंदी का दौर जारी है। Nifty 50 ने अपनी 30 साल की दूसरी सबसे बड़ी मासिक गिरावट की ओर बढ़ रहा है, और यह गिरावट अक्टूबर 2024 से शुरू होकर अब तक जारी है। फरवरी 2025 तक Nifty 50 में 4% की गिरावट आ चुकी है, और पिछले पांच महीनों में निफ्टी ने 12.6% की गिरावट दर्ज की है।
डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां और चीन की वापसी: मुख्य कारण
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियां, अमेरिकी फेडरल रिजर्व का सख्त रुख, और चीन के बाजार की बढ़त ने भारतीय stock market को हिलाकर रख दिया है। एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने 2025 की शुरुआत से अब तक ₹1.3 ट्रिलियन के शेयर बेच दिए हैं, जो एक बड़ा सेल-ऑफ है। चीन के बाजार में वापसी ने भी भारतीय बाजार को और दबाव में डाला है, जिससे ‘सेल इंडिया, बाय चाइना’ का ट्रेंड उभर रहा है।
इतिहास गवाह है, गिरावट में और गहरा सकता है नुकसान
इतिहास की बात करें तो, जब भी निफ्टी ने लगातार गिरावट दर्ज की है, तब औसतन 26.8% तक की गिरावट आई है। 1994-95 के बीच निफ्टी 31.4% तक लुढ़का था। इस हिसाब से, मौजूदा गिरावट और भी गहरी हो सकती है। पिछले 30 सालों में पांच बार ऐसी गिरावट आई है, जो काफी नुकसान का कारण बनी।
चीन के बाजार में उछाल और भारतीय बाजार का दबाव
अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने अब यूरोप, अमेरिका और चीन में निवेश बढ़ाया है। चीन के बाजार में वृद्धि के कारण भारतीय stock market में दबाव बढ़ गया है। चीन की निवेश नीतियां, जैसे ब्याज दरों में कटौती और रियल एस्टेट क्षेत्र में समर्थन ने निवेशकों को आकर्षित किया है। वहीं भारतीय stock market का मूल्यांकन महंगा हो गया है, जो निवेशकों को दूर कर रहा है।
भारत की स्थिति में सुधार की उम्मीद
भले ही मौजूदा समय में भारतीय stock market दबाव में हो, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से भारत की विकास गाथा मजबूत बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि 3-6 महीनों में जब कमाई में सुधार होगा, तो एफआईआई फिर से भारत में निवेश करेंगे। इसके अलावा, मजबूत घरेलू मांग, डिजिटल परिवर्तन और बुनियादी ढांचे का विस्तार भारत के कॉर्पोरेट आय को बढ़ा सकता है।
भारत की दीर्घकालिक चुनौतियां और चीन की आर्थिक कठिनाइयाँ
चीन के बाजार की बढ़त भले ही फिलहाल मजबूत दिख रही हो, लेकिन वहां की दीर्घकालिक आर्थिक चुनौतियां बनी हुई हैं। भू-राजनीतिक तनाव, अप्रत्याशित नियामक नीतियां और वृद्ध होती जनसंख्या चीन की विकास संभावनाओं पर दबाव डाल रही हैं। इस कारण यह सवाल उठता है कि क्या चीन का stock market लंबे समय तक बढ़ सकता है।
भारत में निवेश का अवसर: बाजार जानकारों का क्या कहना है?
मार्केट एक्सपर्ट संदीप सभरवाल का मानना है कि भारत जल्द ही वापसी करेगा। वह कहते हैं, “जब एफआईआई प्रवाह में सुधार होगा, तो भारत इसका लाभ उठाएगा।” उन्होंने हालिया गिरावट को निवेशकों के लिए एक अवसर माना है। भारत अब भी सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है, और वैश्विक व्यापार के झटकों के प्रति इसकी मजबूती इसे दीर्घकालिक निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाती है।
भारत के बाजार में सुधार: क्या भारतीय stock market फिर से उठेगा?
हालांकि विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बेच रहे हैं, लेकिन 2022 से अब तक भारत केंद्रित फंड्स में $130 बिलियन का प्रवाह हुआ है। इसका मतलब यह है कि भारत के बुनियादी कारक मजबूत हैं और विदेशी निवेशक फिर से भारत में निवेश करने के लिए तैयार हो सकते हैं। अगर भारत की बुनियादी स्थिति मजबूत रहती है, तो भारतीय stock market अपनी खोई हुई स्थिति को पुनः प्राप्त कर सकता है।
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