मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश की प्रत्येक गांव-ढाणी तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित हो और राज्य का प्रत्येक नागरिक स्वस्थ रहे। इसी उद्देश्य से सरकार ने पहले बजट में कुल बजट का 8.26 प्रतिशत स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए रखा था। चिकित्सा ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सा केन्द्रों को क्रमोन्नत करने और नए चिकित्सालय शुरू करने जैसी घोषणाएं की गई हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिक आवश्यकता वाले स्थानों का चयन कर वहां सुविधाओं का विस्तार किया जाए और निर्माण कार्यों की समयसीमा तय कर नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
मुख्यमंत्री रविवार को अपने कार्यालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की लंबित बजटीय घोषणाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ एवं समृद्ध भारत के संकल्प को मजबूत करने के लिए राजस्थान पूरी तत्परता से काम कर रहा है। इसी प्रयास में प्रदेश में 6 करोड़ 20 लाख से अधिक आभा आईडी बनाए जा चुके हैं और राजस्थान देशभर में दूसरे स्थान पर है। साथ ही, 1 करोड़ 68 लाख से अधिक आभा लिंक्ड ई-हेल्थ रिकॉर्ड भी बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज को उन्नत कर एम्स दिल्ली की तर्ज पर राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) की स्थापना की जा रही है, जिस पर चरणबद्ध तरीके से 750 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि डिजाइनिंग और प्लानिंग से जुड़े कार्यों में तेजी लाते हुए इसे समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आरजीएचएस योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसका दुरुपयोग करने वालों और इसमें लिप्त संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए। योजना के दुरुपयोग की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फ्रॉड डिडक्शन सॉफ्टवेयर जैसी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
बैठक में उन्होंने 70 वर्ष से अधिक आयु वाले वृद्धजनों के लिए घर पर मुफ्त दवा उपलब्ध करवाने की घोषणा पर चर्चा की और कहा कि इसे किसी एक जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कर चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में लागू किया जाए। साथ ही, बड़े अस्पतालों पर भार कम करने के लिए छोटे अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों को और मजबूत किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए लगातार भर्तियां की जा रही हैं। हाल ही में चिकित्सा अधिकारियों के 1699 पदों पर नियुक्ति दी गई है। उन्होंने कहा कि भविष्य में रिक्त होने वाले पदों का विवरण तैयार कर उन्हें समय पर भरा जाए। जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों की मरम्मत व रख-रखाव की समीक्षा करते हुए उन्होंने गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और सीएचसी व पीएचसी में पर्याप्त दवाएं व सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव सुधांश पंत और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।