Kejriwal के रामायण बयान पर बीजेपी का हमला: ‘चुनावी हिंदू’ का आरोप
दिल्ली विधानसभा चुनाव में रामायण को लेकर अचानक गरमाए राजनीतिक माहौल में आम आदमी पार्टी के प्रमुख Kejriwal ने एक बयान दिया, जिसने बीजेपी को उग्र प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर कर दिया। इस बयान में Kejriwal ने रामायण के एक प्रसिद्ध वाकये, सीता हरण के प्रसंग पर अपनी व्याख्या दी। उनके बयान के बाद बीजेपी ने उन्हें “चुनावी हिंदू” करार दिया और सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया।
Kejriwal का बयान और बीजेपी की प्रतिक्रिया
Kejriwal ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान रामायण के सीता हरण प्रसंग का उल्लेख किया। उन्होंने इस कथा में रावण द्वारा सोने के हिरण का रूप धारण करने का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि किस तरह रावण ने राम के वनवास के दौरान माता सीता का हरण किया, और कैसे लक्ष्मण, जो सीता की सुरक्षा कर रहे थे, रावण के छल में फंस गए।
Kejriwal के अनुसार, जब सीता ने सोने के हिरण को देखा और उसे पकड़ने की इच्छा जताई, तो लक्ष्मण ने उन्हें समझाने की कोशिश की। हालांकि, सीता ने लक्ष्मण से कहा कि वह भगवान राम के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं और उन्हें हिरण का पीछा करने भेज दिया। इस पूरे घटनाक्रम में रावण ने छल से सीता का हरण कर लिया।
बीजेपी ने इस बयान को लेकर Kejriwal पर तीखा हमला किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने जो बयान दिया, वह सनातन धर्म का अपमान है। बीजेपी के नेता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अपनी राजनीतिक मजबूरी में हिंदू धर्म के प्रतीकों का उपयोग करना पड़ा है, जिसे पार्टी ने “चुनावी हिंदू” की संज्ञा दी।
बीजेपी का ‘चुनावी हिंदू’ आरोप
बीजेपी का कहना है कि Kejriwal चुनावी लाभ के लिए हिंदू धर्म के प्रतीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन उनका यह कृत्य केवल चुनावी रणनीति है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल ने जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए रामायण की कथा को राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बनाया। बीजेपी के नेताओं ने कहा कि केजरीवाल को अपनी सच्ची आस्थाओं का इज़हार करना चाहिए, और इसे केवल चुनावी खेल का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए।
Kejriwal के बयान से बीजेपी के नेताओं को यह डर है कि उनका बयान आगामी दिल्ली चुनाव में धार्मिक मुद्दों को भड़काने का कारण बन सकता है। बीजेपी ने केजरीवाल के बयान को “धार्मिक ध्रुवीकरण” करने की कोशिश के रूप में देखा।
Kejriwal का पक्ष
Kejriwal ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने जो बयान दिया वह किसी भी धर्म का अपमान करने के उद्देश्य से नहीं था। उनका कहना था कि वह सिर्फ रामायण की कथा को साझा कर रहे थे, जिसे उन्होंने बचपन में सुना और जो उनकी आस्था से जुड़ी हुई है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य समाज में धार्मिक सौहार्द बनाए रखना है, न कि किसी समुदाय को आहत करना।
उनका यह भी कहना था कि चुनावी माहौल में कभी-कभी कुछ लोग अपनी राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य इस प्रकार की किसी राजनीति का हिस्सा बनना नहीं है। उन्होंने अपने बयान में जो कहा था, वह केवल एक कथा के रूप में था, और इसका कोई अन्य इरादा नहीं था।
सोशल मीडिया पर ‘चुनावी हिंदू’ ट्रेंड
Kejriwal के बयान के बाद सोशल मीडिया पर “चुनावी हिंदू” ट्रेंड करने लगा। कई यूजर्स ने उन्हें राजनीति से प्रेरित हिंदू धर्म के प्रतीक के रूप में देखा और उनके बयान को लेकर सवाल उठाए। वहीं, कुछ अन्य लोगों ने उनके पक्ष में भी बात की और यह कहा कि उनका बयान रामायण की परंपरागत व्याख्या के रूप में था, जिसे गलत तरीके से पेश किया गया।
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