किसानों को अब 1350 रुपए में मिलेगी डीएपी की बोरी : PM Modi

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केंद्र सरकार ने किसानों को 1350 रुपए में डीएपी बोरी देने का किया ऐलान, PM Modi फसल बीमा योजना में भी किया बड़ा बदलाव

PM Modi: केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने 50 किलोग्राम की डीएपी (डाइअमोनियम फास्फेट) उर्वरक की बोरी का मूल्य 1350 रुपए निर्धारित किया है। इसके अलावा, PM Modi फसल बीमा योजना में भी संशोधन करने का फैसला किया गया है। यह निर्णय PM Modi की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए, जो किसानों के लिए राहत का कारण बन सकते हैं।

डीएपी उर्वरक की बोरी की कीमत में राहत

कृषि क्षेत्र में डीएपी उर्वरक की भारी मांग रहती है, और इसकी कीमतों में लगातार बदलाव देखा गया है। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए डीएपी की 50 किलोग्राम की बोरी को 1350 रुपए पर निर्धारित किया है, ताकि उन्हें सस्ती और सुलभ कीमत पर उर्वरक मिल सके। सरकार ने यह कदम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और आपूर्ति में आई बाधाओं के बावजूद उठाया है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार डीएपी की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए एकमुश्त विशेष पैकेज का विस्तार करेगी। इसका उद्देश्य किसानों को सस्ती कीमत पर डीएपी उर्वरक उपलब्ध कराना है। सरकार ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इस कदम से किसानों को राहत मिल सकेगी, क्योंकि डीएपी उर्वरक उनकी फसलों की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

PM Modi फसल बीमा योजना में संशोधन और विस्तार

PM Modi के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को हुए नुकसान से सुरक्षा मिलती है। अब इस योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है और इसे 2025-26 तक जारी रखने का फैसला किया गया है। इस योजना को 69,515.71 करोड़ रुपये के बजट के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस संशोधित योजना का उद्देश्य देश भर के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल क्षति से बचाना है। इसके अलावा, योजना में प्रौद्योगिकी के उपयोग से पारदर्शिता बढ़ेगी और दावा गणना और निपटान में सुधार होगा। इसके लिए 824.77 करोड़ रुपये की राशि के साथ नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष भी स्थापित किया जाएगा।

प्रौद्योगिकी का उपयोग और पारदर्शिता

PM Modi फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने का फैसला किया गया है, ताकि योजना की पारदर्शिता में वृद्धि हो सके। यह कदम न केवल किसानों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि इससे फसल बीमा योजना के दावों की सटीकता और समयबद्ध निपटान में भी मदद मिलेगी। प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से योजना के कार्यान्वयन में तेजी आएगी और भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।

PM Modi फसल बीमा योजना का क्षेत्रीय विस्तार

PM Modi फसल बीमा योजना के तहत देश के नौ प्रमुख राज्यों को पहले शामिल किया गया है, जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं। अब सरकार अन्य राज्यों को भी इस योजना में शामिल करने की प्रक्रिया तेज़ कर रही है, ताकि देशभर के किसानों को इसका लाभ मिल सके। इस योजना के जरिए किसान प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अपनी फसल के नुकसान से बचाव कर सकते हैं, और यदि नुकसान होता है तो उन्हें उचित मुआवजा प्राप्त होगा।

केंद्र सरकार का किसानों के लिए स्थिर समर्थन

PM Modi की सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार कई कदम उठा रही है। डीएपी की कीमतों में राहत देने और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विस्तार के साथ, सरकार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करना है। इस निर्णय से किसानों को न केवल आर्थिक रूप से मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें प्राकृतिक आपदाओं के समय भी अधिक सुरक्षा मिल सकेगी।

सरकार का यह कदम यह भी दिखाता है कि वह किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर है। किसानों को उर्वरक की सस्ती दरों पर उपलब्धता और फसल बीमा के माध्यम से सुरक्षा देने की योजना, कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दे सकती है। इस निर्णय से किसानों को जो राहत मिलेगी, उससे उनकी कृषि संबंधित समस्याओं का समाधान होगा और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।

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